पदबंध का शाब्दिक अर्थ है पदों का बंधन। अर्थात अनेक पदों का समूह जो आपस में बंधे रहते हैं।
ये वाक्य का भाग होते हैं। अर्थात वाक्यांश होते हैं। परन्तु चाहे जितने भी पद परस्पर संबद्ध हों, ये पूर्ण अर्थ नहीं देते हैं।
पद किसे कहते हैं .. शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त हो कर निश्चित अर्थ देते हैं तो पद कहे जाते हैं।
पद परिचय के लिए इसे पढ़िए..
पदबंध परिभाषा , प्रकार व उदाहरण……
जब दो या दो से अधिक पद मिल कर एक शाब्दिक इकाई का कार्य करते हैं,तो ऐसे पद समूह को पदबन्ध कहते हैं।
जैसे.. १..लखनऊ से गोरखपुर जाने वाला मार्ग खराब है।
इस वाक्य में “लखनऊ से गोरखपुर जाने वाला” ये पद समूह मार्ग के लिए प्रयुक्त हुए हैं। तथा पदबंध का निर्माण कर रहे हैं।
२.जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे वैसा फल प्राप्त होता है।
वाक्य संख्या 2 में ” जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है ” ये पद समूह “उसे ” के लिए प्रयुक्त हुए हैं।
उपरोक्त बातों के आधार पर निम्नलिखित बातें स्पष्ट होती हैं..
पदबन्ध में एक पद न हो कर अनेक पद होते हैं।
ये पद आपस में इस प्रकार संबद्ध होते हैं कि ये एक इकाई बन जाते हैं। तथा सारे पद उस बनी हुई इकाई को ही पुष्ट करते हैं।
यह वाक्यांश होते हैं , पर कई पदों के समूह होने पर भी ये पूर्ण अर्थ नहीं देते हैं।
प्रायः पदबंध के अंतिम पद के आधार पर इनकी पहचान तथा इसके प्रकार का निर्णय होता है।
अर्थात ऊपर लिखे हुए वाक्य संख्या 1में, जो अक्षर मोटे लिखे हैं ,उसमे अंतिम पद संज्ञा है।अतः मार्ग इस पद के पहले के पद संज्ञा पदबंध समझे जायेंगे।
इसी प्रकार दूसरे वाक्य में बोल्ड अक्षर में लिखे हुए पदों में अंतिम पद, उसे है, अतः इसके पहले आए हुए पद समूह सर्वनाम पद समूह कहे जायेंगे।
पदबंध के पांच भेद हैं…
1.संज्ञा पदबन्ध
2 सर्वनाम पदबन्ध
3.विशेषण पदबन्ध
4..क्रिया पदबन्ध
5.क्रिया विशेषण या अव्यय पदबन्ध
संज्ञा पदबन्ध..
वाक्य में संज्ञा के लिये प्रयुक्त होने वाले पद समूह को संज्ञा पदबन्ध कहते हैं। जैसे..
१.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष ए.ओ.ह्यूम थे।
२.बर्फ की चादर से ढका हुआ हिमालय उत्तर दिशा में स्थित है।
३.सत्य बोलने वाले राजा हरिश्चंद्र महान थे।
४.रमेश की साल भर की मेहनत नष्ट हो गई।
५.प्रदूषण पैदा करने वाले वाहन को बंद करिये।
६.कृष्ण के बचपन के मित्र सुदामा आए हैं।
७.क्रिकेट के प्रसिद्ध खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को कौन नहीं जानता।
८.रात को पर देने वाला पहरेदार कल नहीं आया ।
९.भ्रष्टाचार के दलदल में आकंठ डूबे हुए नेता को वोट नहीं देंगे।
१०. कल मैने हंसा हंसा कर पेट फुला देने वाली कॉमेडी फिल्म देखी।
सर्वनाम पदबन्ध..
..वाक्य में सर्वनाम के लिए प्रयोग होने वाले पद सर्वनाम पदबन्ध कहे जाते हैं। अर्थात ये पद सर्वनाम के बारे में जानकारी देते हैं।
जैसे.१..भाग्य का मारा वह हार गया।
२ जो कठिन परिश्रम करता है वह सदा सफल रहता है।
३.सदा हंसते रहने वाले तुम दुखी क्यों हो?
४.उस भाग्यहीन को बहुत दुख सहना पड़ा।
५. बहुत सारे प्रयास मुझ अभागे द्वारा किए।
६.अत्यधिक धन का घमंड करने वाले तुम बहुत कंजूस हो।
७.फूटी किस्मत वाला वह साक्षात्कार के लिए समय पर नहीं पहुंच पाया।
विशेषण पदबन्ध….ऐसे पदसमूह जो विशेषण का कार्य करते हैं तथा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने का कार्य करते हैं, विशेषण पदबन्ध कहे जाते हैं। जैसे…
१.कमल के समान सुन्दर मुख वाली स्त्री को देखो।
२.नाली में बहता हुआ गंदा बदबूदार पानी बीमारियों का घर है।
३.सौ हाथियों के बल वाले भीम ने दुर्योधन का वध किया ।
४.आप मेरे लिए एक गुलाबी रंग का वस्त्र लाइए।
५.नीले पंखों वाली चिड़िया उड़ रही है।
६.सुंदर पुष्पों से भरा हुआ उपवन मनमोहक है।
७.विश्व कप में सबसे अधिक रन बनाने वाली टीम कौन है?
८.दो हजार सेअधिक लोग बाढ़ में बह गए।
क्रिया पदबन्ध ….जब एक से अधिक पद मिलकर क्रिया का कार्य करते हैं, तब वे क्रिया पदबन्ध कहे जाते हैं। अर्थात क्रिया का कार्य करने वाले पद समूह। जैसे…
क्रिया पदबंध के उदाहरण
१.वह चलते चलते मुड़ कर देख रहा था।
२.कविता कहानी सुनते सुनते सो गई।
३.बूढ़ा आदमी बैठ बैठ कर चल रहा था।
४.मेघा ने ग्लास तोड़ कर टुकड़े टुकड़े कर दिए।
५.रमेश के पिता जी अकसर मेरे घर आते जाते रहते हैं।
६.वह बिना रुके आगे बढ़ता चला गया।
७.वह गाते हुए नाचता है।
८.आविका हंस हंस कर बोल रही थी।
क्रिया विशेषण या अव्यय पदबंध…. इसके अंतर्गत क्रिया विशेषण का कार्य करने वाले पदों के समूह आते हैं और ये ही अव्यय और क्रिया विशेषण पदबन्ध कहे जाते हैं। जैसे..
१.वह सुबह से शाम तक चलता रहा।
२.प्रधानाचार्य अत्यंत क्रोधित होकर छात्रों को बोल रहे थे।
३.आज सुबह से रिमझिम बारिश हो रही है।
४.हिरण अत्यंत तीव्र गति से भागा।
५. वह बार बार चिल्ला कर रो रहा है।
६.चार दिनों से प्रतीक्षा कर रहा है।
पद परिचय किसे कहते है..के लिए इसे पढ़िए..
क्रिया विषेषण के लिए इसे पढ़िए..
वर्णों का उच्चारण स्थान के लिए इसे पढ़िए..
क्त्वा प्रत्यय के लिये