क्तवतु प्रत्यय भी एक भूत कालिक कृदन्त प्रत्यय है।यह प्रत्यय केवल कर्तृ वाच्य में प्रयोग किया जाता है।
नोट…कर्तृ वाच्य में कर्ता में प्रथमा और कर्म (यदि हो तो) में द्वितीया होती है।
*क्रिया के लिंग और वचन कर्ता के लिंग और वचन के अनुसार होते हैं।
जैसे..
१.बालकः हसितवान्। लड़का हंसा।
२.बालकौ हसित्वन्तौ। दो लड़के हंसे।
३.बालकाः हसितवन्तः। लड़के हंसे।
४.बालिका हसितवती। लड़की हंसी।
उपरोक्त उदाहरणों में पहले वाक्य में बालक के पुलिंग एक वचन होने पर हासितवान पुलिंग एक वचन में हुई।
दूसरे वाक्य में बालकौ पुलिंग द्वि वचन में होने के कारण क्रिया हसितवन्तौ भी द्वि वचन में हुई।
तीसरे वाक्य में बालकाः बहु वचन होने के कारण हसितवन्तः क्रिया भी बहु वचन में हुई।
चौथे वाक्य में बालिका के स्त्रीलिंग एक वचन होने से क्रिया स्त्रीलिंग एक वचन में हुई।
इस प्रत्यय से बने हुए शब्दों का प्रयोग भी विशेषण की तरह होता है ,तथा इनके लिंग , वचन और विभक्ति अपने विशेष्य की तरह होती है।
जैसे….
1..काक मुखात् पतित्वन्तं मूषकं दृष्ट्वा सः अहसत्। ( कौए के मुख से गिरते हुए चूहे को देख कर वह हंसा।)
इस वाक्य में विशेष्य ‘मूषकं ‘ पुलिंग द्वितिया एक वचन में है,अतः ‘पतित्वन्तं ‘ भी पुलिंग द्वितीया एक वचन में है।
2..प्रयागात् समगतवत्याः बलिकायाः इदम् पुस्तकं अस्ति।
इस वाक्य में भी बलिकायाःस्त्रीलिंग षष्ठी विभक्ति एकवचन में है अतः समगतवत्याःभी षष्ठी विभक्ति एक वचन में प्रयुक्त हुआ।
क्तवतु प्रत्यय के प्रयोग के नियम…
क्तवतु का प्रयोग भी क्त प्रत्यय कि तरह भूत काल ( past participle ) के अर्थ में होता है।
यह प्रत्यय केवल कर्तृ वाच्य में प्रयोग किया जाता है। अर्थात साधारण वाक्यों की तरह इसके कर्ता में प्रथमा और कर्म में द्वितीया होती है।
क्रिया के लिंग और वचन कर्ता के लिंग और वचन के अनुसार होते हैं।
धातु के साथ प्रयोग में क्तवतु का तवत् प्रयोग होता है, क् तथा उ का लोप हो जाता है।
जैसे हस् + क्तवतु >तवत्
सेट् धातुओं के साथ प्रत्यय से पहले इ का प्रयोग होता है।
हस् + इ + क्तवतु > तवत् = हसितवत्
क्तवतु प्रत्यय लग कर बने शब्दों में पुलिंग में तवान् , स्त्रीलिंग में तवती तथा नपुंसक लिंग में तवत् लगता है।
जैसे..पुलिंग…हसितवान्
स्त्रीलिंग…हसितवती
नपुंसक लिंग..हसितवत् ..रूप बनता है।
क्तवतु से बने शब्द तीनों पुरुष में अर्थात प्रथम पुरुष , मध्यम पुरुष और उत्तम पुरुष समान होते हैं।
जैसे… सः दृष्टवान्। प्रथम पुरूष
त्वम् दृष्टवान्। मध्यम पुरुष
अहम् दृष्टवान्। उत्तम पुरूष
जिन धातुओं के अन्त में न् / म् होता है उनके साथ क्तवतु का प्रयोग होने पर न् तथा म् का लोप हो जाता है।
जैसे..नम् + क्तवतु नतवान् / नतवती / नतवत्
हन् + क्तवतु =
हतवान् / हतवती / हतवत्
परन्तु यदि म् /न् एक ही वर्ग के वर्ण हों तो इनका लोप नहीं होता है।
जैसे..भ्रम् धातु में भ् और म् एक ही वर्ग के व्यञ्जन हैं, अतः म् का लोप नहीं होगा।
लङ्ग लकार के क्रिया शब्दों. को क्तवतु प्रत्यय में परिवर्तित करने के लिये वाक्य के कर्ता और कर्म में कोई परिवर्तन नहीं होता है। केवल क्रिया वाले शब्द में ही परिवर्तन होता है।
जैसे…..
रमेशः आपणम् अगच्छत्।
इस वाक्य को इस प्रकार परिवर्तित किया जायेगा…
रमेशः आपणम् गतवान्।
इस वाक्य में अगच्छत् के स्थान पर गतवान् हो गया।
इसी प्रकार निम्नलिखित वाक्यों में भी समझना चहिये…
शिक्षिका छात्रान् अपाठयत्।
शिक्षिका छात्रान् पाठितवती।
अहम् उपवनम् अगच्छम्।
अहम् उपवनम् गतवान् / गतवती।
छात्राः उत्तराणि अलिखन्।
छात्राः उत्तराणि लिखितवन्तः।
वृक्षात् फलानि अपतन्।
वृक्षात् फलानि पतितवन्ति।
क्तवतु द्वारा बने शब्दों के वाक्य…..
1.रामः गृहम् गतवान्।
2..नमिता कथाम् कथितवती।
3..वृक्षात् फलम् पतितवत्।
4..तपोवनात् आगत्वतीषु कन्यासु चतुर्तमा का अस्ति?
5..तपोवनात् आगतवते तपस्विने धेनुम् यच्छ।
6..राजा अपराधिनं दण्डितवान।
7..अर्जुनः स्व प्रतिज्ञाम् अनुपालयन् जयद्रथं हतवान्।
8..वयम् स्वामिभिः सह् गंगायां स्नातवन्तः
9..आवां श्रुतवन्तौ यत् सा अद्य पाठशालाम् न गतवती।
10..तस्याम् सभयाम् गायकाः सुन्दरं गीतं गीतवन्तः।
11..सा इदम् पुस्तकं पञ्चभिः रुप्यकैः क्रीतवती।
12..मार्जारी स्थितवन्तं मूषकं दृष्टवती।
13..वृक्षात् पतितवत् फलम् दृष्ट्वा, बालकः धावितवान्।
14..सत्यम् ज्ञात्वा राजा पश्चातापं कृतवान्।
15..अहम् एकां कथाम् पठितवान्।
क्त प्रत्यय के लिये इसे पढ़िए..
क्तवतु द्वारा बने शब्दों के उदाहरण…….तीन लिङ्ग में…
सेट् (इ से युक्त ) धातुओं के उदाहरण..
अर्च् -पूजा करना | अर्चित्वान् | अर्चितवती | अर्चितवत् |
अर्ज् -संग्रह करना | अर्जितवान् | अर्जितवती | अर्जितवत् |
आस् -बैठना | असितवान् | असितवती | असितवत् |
ईक्ष् -देखना | ईक्षितवान् | ईक्षितवती | ईक्षितवत् |
एध् – | एधितवान् | एधितवती | एधितवत् |
कथ् -कहना | कथितवान् | कथितवती | कथितवत् |
कम्प् -कांपना | कम्पितवान् | कम्पितवती | कम्पितवत् |
क्री-खरीदना | क्रीतवान् | क्रीतवती | क्रीतवत् |
क्रीड् -खेलना | क्रीडितवान् | क्रीडितवती | क्रीडितवत् |
कुप् -क्रुद्ध् होना | कुपितवान् | कुपितवती | कुपितवत् |
खाद् -खाना | खदितवान् | खदितवती | खदितवत् |
ग्रह् -लेना | ग्रहीतवान् | ग्रहीतवती | ग्रहीतवत् |
चल् -चलना | चलितवान् | चलितवती | चलितवत् |
चिन्त् -सोचना | चिन्तितवान् | चिन्तितवती | चिन्तितवत् |
चुर् -चुराना | चोरितवान् | चोरितवती | चोरितवत् |
चेष्ट् -चेष्टा करना | चेष्टितवान् | चेष्टितवती | चेष्टितवत् |
ताड् -पीटना | ताडितवान् | ताडितवती | ताडितवत् |
तुल् -तौलना | तोलितवान् | तोलितवती | तोलितवत् |
दण्ड् -दण्ड देना | दण्डितवान् | दण्डितवती | दण्डितवत् |
धाव् – | धावितवान् | धावितवती | धावितवत् |
निन्द् -निन्दा करना | निन्दितवान् | निन्दितवती | निन्दतवत् |
पठ् – | पठितवान् | पठितवती | पठितवत् |
पत् -गिरना | पतितवान् | पतितवती | पतितवत् |
पाल् -पालना | पलितवान् | पलितवती | पलितवत् |
पूज् -पूजा करना | पुजितवान् | पुजितवती | पुजितवत् |
बाध् -रोकना | बाधितवान् | बाधितवती | बाधितवत् |
भाष् -कहना | भाषितवान् | भाषितवti1 | भाषितवत् |
मिल् – मिलना | मिलितवान् | मिलितवती | मिलितवत् |
याच् -मांगना | याचितवान् | याचितवती | याचितवत् |
रक्ष् – रक्षा करना | रक्षितवान् | रक्षितवती | रक्षितवत् |
रच् -बनाना | रचितवान् | रचितवती | रचितवत् |
लिख् -लिखना | लिखितवान् | लिखितवती | लिखितवत् |
धातु | पुलिङ्ग | स्त्रिलिङ्ग | नपुंसकलिङ्ग |
वद् | उदितवान् | उदितवती | उदितवत् |
वन्द् | वन्दितवान् | वन्दितवती | वन्दितवत् |
वस् | उषितवान् | उषितवती | उषितवत् |
वाञ्छ् | वाञ्छितवान् | वाञ्छितवती | वाञ्छितवत् |
विद् | विदितवान् | विदितवती | विदितवत् |
वेप् | वेपितवान् | वेपितवती | वेपितवत् |
शन्क् | शंकितवान् | शंकितवती | शंकितवत् |
शिक्ष् | शिक्षितवान् | शिक्षितवती | शिक्षितवत् |
शी | शयितवान् | शयितवती | शयितवत् |
शुच् | शोचितवान् | शोचितवती | शोचितवत् |
शुभ् | शोभितवान् | शोभितवती | शोभितवत् |
सेव् | सेवितवान् | सेवितवती | सेवितवत् |
स्था | स्थितवान् | स्थितवती | स्थितवत् |
हस् | हसितवान् | हसितवती | हसितवत् |
अनिट् धातुओं के उदाहरण..
अस् | भूतवान | भूतवती | भूतवत् |
आप् | आप्तवान् | आप्तवती | आप्तवत् |
अद् | जग्धवान् | जग्धवती | जग्धवत् |
इष् | इष्ट्वान् | इष्ट्वती | इष्ट्वत् |
कृ | कृतवान् | कृतवती | कृतवत् |
क्री | क्रीतवान् | क्रीतवती | क्रीतवत् |
कृष् | कर्षितवान् | कर्षितवती | कर्षितवत् |
गम् | गतवान् | गतवती | गतवत् |
गै | गीतवान् | गीतवती | गीतवत् |
घ्रा | घ्राणवान् | घ्राणवती | घ्राणवत् |
चि | चितवान् | चितवती | चितवत् |
छिद् | छिन्नवान् | छिन्नवती | छिन्नवत् |
जन् | जातवान् | जातवती | जातवत् |
जि | जितवान् | जितवती | जितवत् |
जुष् | जुष्टवान् | जुष्टवती | जुष्टवत् |
ज्ञा | ज्ञातवान् | ज्ञातवती | ज्ञतावत् |
तुद् | तुन्नवान् | तुन्न्वती | तुन्नवत् |
तृ | तीर्णवान् | तीर्णवती | तीर्णवत् |
तुष् | तुष्टवान् | तुष्टवती | तुष्टवत् |
तृप् | तृप्तवान् | तृप्तवती | त्रिप्तवत् |
त्यज् | त्यक्तवान् | त्यक्तवती | त्यक्तवत् |
त्रै | त्रतवान् | त्रातवती | त्रातवत् |
दह् | दग्धवान् | दग्धवती | दग्धवत् |
दा | दत्तवान् | दत्तवती | दत्तवत् |
दुह् | दुग्धवान् | दुग्धवती | दुग्धवत् |
दृश् | दृष्टवान् | दृष्टवती | दृष्टवत् |
दिव् | द्यूतवान् | द्यूतवती | द्यूतवत् |
धा | हितवान् | हितवती | हितवत् |
धृ | धृतवान् | धृतवती | धृतवत् |
ध्यै | ध्यतवान् | ध्यतवती | ध्यतवत् |
नम् | नतवान् | नतवती | नतवत् |
नश् | नष्टवान् | नष्टावती | नष्टवत् |
नी | नीतवान् | नीतवती | नीतवत् |
पच् | पक्ववान् | पक्ववती | पक्ववत् |
पा | पीतवान् | पीतवती | पीतवत् |
प्रच्छ् | पृष्टवान् | पृष्टवती | पृष्टवत् |
ब्रू | उक्तवान् | उक्तवती | उक्तवत् |
बुध् | बुद्धवान् | बुद्धवती | बुद्धवत् |
भू | भूतवान् | भूतवती | भूतवत् |
भिद् | भिन्नवान् | भिन्नवती | भिन्नवत् |
भ्रम् | भ्रान्तवान् | भ्रान्तवती | भ्रान्तवत् |
भुज् | भुक्तवान् | भुक्तवती | भुक्तवत् |
मन् | मतवान् | मतवती | मतवत् |
मुच् | मुक्तवान् | मुक्तवती | मुक्तवत् |
मृ | मृतवान् | मृतवती | मृतवत् |
या | यातवान् | यातवती | यातवत् |
युध् | युद्धवान् | युद्धवती | युद्धवत् |
युज् | युक्तवान् | युक्तवती | युक्तवत् |
रुध् | रुद्धवान् | रुद्धवती | रुद्धवत् |
लभ् | लब्धवान् | लब्धवती | लब्धवत् |
वच् | उक्तवान् | उक्तवती | उक्तवत् |
वृध् | वृद्धवान् | वृद्धवती | वृद्धवत् |
शक् | शक्तवान् | शक्तवती | शक्तवत् |
शुष् | शुष्कवान् | शुष्कवती | शुष्कवत् |
शास् | शिष्टवान् | शिष्टवती | शिष्टवत् |
श्रम् | श्रन्तवान् | श्रन्तवती | श्रन्तवत् |
श्रु | श्रुतवान् | श्रुतवती | श्रुतवत् |
सह् | सोढवान् | सोढवती | सोढवत् |
स्तु | स्तुतवान् | स्तुतवती | स्तुतवत् |
स्ना | स्नातवान् | स्नातवती | स्नातवत् |
स्मृ | स्मृतवान् | स्मृतवती | स्मृतवत् |
स्पृश् | स्पृष्टवान् | स्पृष्टवती | स्पृष्टवत् |
स्वप् | सुप्तवान् | सुप्तवती | सुप्तवत् |
हन् | हतवान् | हतवती | हतवत् |
हृ | हृतवान् | हृतवती | हृतवत् |
हा | हीनवान् | हीतवती | हीतवत् |
ह्वे | आहूतवान् | आहूतवती | आहूतवत् |