विसर्ग संधि,और उसके भेद

विसर्ग संधि किसे कहते हैं , विसर्ग संधि के कितने भेद हैं यह इस आर्टिकल में विभिन्न उदाहरणों से हम समझेंगे।

विसर्ग संधि की परिभाषा..विसर्ग के साथ स्वर या व्यञ्जन के मिलने से जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

जैसे….मनः + रथ = मनोरथ

विसर्ग सदा किसी न किसी स्वर के बाद ही आता है। व्यञ्जन के साथ विसर्ग कभी नहीं आता।

जैसे.. रामः मे अ के बाद विसर्ग है।

विसर्ग संधि में विसर्ग से पहले आने वाले स्वर तथा विसर्ग के बाद आने वाले स्वर तथा व्यञ्जन को भी ध्यान में रखा जाता है।

विसर्ग संधि के भेद..

(1)सत्व विसर्ग संधि..

विसर्ग का श्,ष्,स्
में परिवर्तन

सूत्र.. विसर्जनीयस्य सः.

प्रथम पद के अन्त मे स्थित विसर्ग को, निम्न लिखित परिवर्तन होता है,यदि…

विसर्ग के बाद यदि च या छ या श् आये तो विसर्ग का ‘ श् ‘ हो जाता है।

ष् या ट या ठ आये , तो विसर्ग को ष् हो जाता है।

यदि स या त या थ आये तो विसर्ग को स् हो जाता है।

विसर्ग (:)+ श् / च् / छ = श्
विसर्ग (:)+स / त / थ् = स्
विसर्ग (:)+ ष / ट / थ = ष्
कः + चौरः = कश्चौरःकृष्णः + छाग:= कृष्णश्छाग:
भक्तः + शोभते =भक्तश्शोभतेछात्र: + छादयति = छात्रश्छादयति
कः + चित् = कश्चित्रामः + चलति =रामश्चलति
नमः + ते =नमस्तेबालः +तत्र = बालस्तत्र
मनः + तापः = मनस्तापःइतः + ततः =इतस्ततः
धनुः +टंकारः = धनुष्टंकारःरामः +ठक्कुरः =रामष्ठक्कुरः
ठगः + ठगति =ठगष्ठगतिरुप्य्कैः + ठनठनायते =रुप्यकैष्ठनठनायते
गजः + षष्ठः = गजष्षष्ठः

यदि विसर्ग के बाद पाश, कल्प, कम्, काम्य, या कृ या कम् धातुओं से बना हुआ कोई शब्द आए, या पात्र, कुशा, कर्णी, कंस, कुम्भ में से कोई शब्द आये, तो, विसर्ग को स् हो जाता है।

यमः + पाशम् = यमस्पाशम्अयः + कामः =अयस्कामः
यशः +कम्= यशस्कम्रजतः + कुम्भः = रजतस्कुम्भः
पयः पाशम् पयस्पाशम्मृदः कुम्भः मृदस्कुम्भः

इसे भी पढ़िए…. स्वर संधि

नमस्पुरसोर्गत्योः….

नमः, पुरः, तिरः, इन शब्दों के बाद क् या प् आये तो विसर्ग को स् हो जाता है।

नमः + कारः = नमस्कारः

पुरः + कृत्य = पुरस्कृत्य

तिरः + कारः = तिरस्कारः

अधः शिरसी पदे….

अधः और शिरसी शब्दों के बाद यदि ‘ पद’ शब्द आये तो इनके विसर्ग को भी स् हो जाता है। जैसे..

अधः + पदं = अधस्पदंशिरः + पदं = शिरस्पदं

(2) उत्व विसर्ग संधि…. विसर्ग का ‘उ ‘ मे परिवर्तन

सूत्र… “अतोरोरप्लुतातादप्लुते “

यदि विसर्ग से पहले ह्रस्व अ हो तथा विसर्ग के बाद भी ह्रस्व हो तो विसर्ग के स्थान पर ‘‘हो जाता है। जैसे… रामः + अपि = रामोऽपि

नोट… रामः + अपि में पहले विसर्ग के स्थान पर उ होता है, तत्पश्चात विसर्ग के पहले जो अ है उसे तथा विसर्ग के स्थान पर जो उ हुआ है, दोनो गुण संधि से ओ बनते हैं। फिर ओ का पररूप् हो कर ‘ऽ ‘ बनता है

अ + विसर्ग (:)+अ = उ

कः + अपि = कॊऽपिएषः + अकथयत् =एषोऽकथयत्
सः + अवदत् =सोऽवदत्नृपः + अगच्छत् =नृपोऽगच्छत्
देवः + अत्र =देवोऽत्रनरः + अस्ति =नरोऽस्ति
प्रथमः + अध्याय =प्रथमोऽध्यायशिवः + अर्च्य =शिवोऽर्च्य
पुरुषः + अहं =पुरुषोऽहम्मृगः + अपि =मृगोऽपि
चन्द्रः + अयं =चन्द्रोऽयम्रमेशः+ अब्रवीत् =रामोऽब्रवीत्

विसर्ग संधि के लिये इसे भी देखें

विसर्ग संधि

(3) विसर्ग को ‘ओ ‘

सूत्र ” हशि च “….

यदि विसर्ग के पहले अ हो और विसर्ग के बाद किसी भी वर्ग का कोई तीसरा, चौथा, पांचवां वर्ण या य, र्, ल्, व्, ह् में से कोई वर्ण हो, तो भी विसर्ग को हो जाता है। तथा अ +उ मिल कर गुण संधि हो कर बन जाता है। यहां पररूप् नहीं होगा।जैसे…..

देवः + याति =देवो याति.. यहां विसर्ग को हुआ = देव उ याति… अब देव का अ तथा उ में गुण संधि हो कर अ +उ = ओ हो जायेगा

अ + विसर्ग :+किसी वर्ग का तीसरा, चौथा या पांचवां वर्ण या य्, र्, ल्, व्, ह् में से कोई वर्ण== उ
अ +उ =
सिंह: + गर्जति =सिंहोगर्जतिमयूरः +नृत्यति =मयूरो नृत्यति
गजः +धावति =गजोधावतिवृक्षः +वर्धते = वृक्षो वर्धते
वरुणः + नमति =वरुणो नमतिरामः+ हसति =रामोहसति
मनः + रथः =मनोरथःयशः + गानम् = यशोगानम्
मनः + जवम् = मनोजवम्अर्जुनः + जयति = अर्जुनो जयति
कः + बुध्यते = को बुध्यतेछात्रः+ लिखति = छात्रो लिखति
देवः +गच्छति = देवो गच्छतिसेवकः + वदति = सेवको वदति

विसर्ग संधि के अंतर्गत विसर्ग lका लोप

(4) विसर्ग का लोप…

(क )..यदि विसर्ग के पहले हो, तथा बाद में अ के अतिरिक्त अन्य कोई स्वर हो, तो विसर्ग का लोप हो जाता है। विसर्ग का लोप होने के पश्चात अन्य कोई संधि नहीं होती।

अ + विसर्ग (:) +अ से भिन्न कोई स्वर=विसर्ग लोप।

जैसे… मृगः + इति = मृग इति। यहां मृगः में विसर्ग के पहले है, तथा बाद मे स्वर है। अतः विसर्ग का लोप हुआ।

उदाहरण…

बालः उत्तरति= बाल उत्तरतिगजः +उत्सहते = गज उत्सहते
छात्र: +उत्तिष्ठति = छात्र उत्तिष्ठतिसूर्यः+ उदेति = सूर्य उदेति
रामः + आगच्छति =राम आगच्छतिकृष्णः + एति =कृष्ण एति
देवः + उपविशति =देव उपविशतिनरः + आस्ते = नर आस्ते
दासः + ईक्षते =दास ईक्षतेछात्र :+ उपस्थितः = छात्र उपस्थितः
सूतः + उवाच =सूत उवाचअतः + एव =अत एव

(ख ) विसर्ग का लोप..

सः और एषः के विसर्ग के बाद अ कोl छोड़ कर कोई भी वर्ण हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है।

जैसे… सः + एति =स एति। यहां सः के बाद एति में अ से भिन्न स्वर है, अतः विसर्ग का लोप हो गया।

सः + इच्छति =स इच्छति एषः +उत्तिष्ठति = एष उत्तिष्ठति
सः + गच्छति =स गच्छतिएषः +ईक्षते =एष ईक्षते
सः+एति = स एतिएषः +विचरति = एष विचरति
सः +कथयति = स कथयतिएषः + नमति =एष नमति
सः + चलति =स चलतिएषः +याति =एष याति
सः+ खादति = स खादतिएषः + विष्णु:= एष विष्णुः

(ग )विसर्ग का लोप..

विसर्ग के पहले यदि हो, तथा उसके बाद कोई स्वर हो या किसी वर्ग का तीसरा या चौथा या पांचवां वर्ण हो, या य, र्, ल्, व्, ह् में से कोई वर्ण हो, तो विसर्ग का लोप हो जाता है। चाहे संधि हो या ना हो।



आ + विसर्ग (: )+
कोई स्वर या किसी वर्ग का तीसरा, चौथा, पांचवां वर्ण वर्ण, य्,र्, ल्, व्, ह् = विसर्ग का लोप
कन्याः + हसन्ति = कन्या हसन्तिताराः + उदयन्ति = तारा उदयन्ति
नराः +ददाति =नरा ददातिजनाः + ऊचुः =जना ऊचुः
शिष्याः +नमन्ति = शिष्या नमन्तिबालाः +जपन्ति = बाला जपन्ति
सैनिकाः+ जयन्ति = सैनिका जयन्तिलोकाः +अवदन् = लोका अवदन्
बालकाः +ईच्छन्ति = बालकाः ईच्छन्तिदेवाः +गच्छन्ति = देवा गच्छन्ति
शिष्याः + एते =शिष्या एतेबालिकाः +धावन्ति = बालिका धावन्ति

रुत्व विसर्ग सन्धि…

(5)विसर्ग को ‘ र् ‘…

(क)

यदि विसर्ग से पहले अ या आ के अतिरिक्त कोई अन्य स्वर हो, तथा उसके बाद कोई और स्वर हो या किसी वर्ग का तीसरा या चौथा या पांचवां वर्ण हो या य्, र्, ल्, व्, ह्,में से कोई वर्ण हो, तो विसर्ग को र् हो जाता है।

अ, आ भिन्न स्वर + विसर्ग :+अन्य स्वर / किसी वर्ग का तीसरा, चौथा, पांचवां वर्ण या य्, र्, ल्, व्, ह् मे से कोई वर्ण हो

=विसर्ग को र्




जैसे निः +बलं = निर्बलं यहां विसर्ग के पहले इ है,बाद मे पवर्ग का तृतीय वर्ण ब् है। अतः विसर्ग को र् हुआ।

उदाहरण…

निः + बलः =निर्बलःमुनिः + याति =मुनिर्याति
रविः +उदेति = रविर्उदेतिजनैः + गम्यते =जनैर्गम्यते
धेनुभिः + आगतं =धेनुभिर्आगतंमहिषीः + इति =महिषीरिति
तैः +भक्ष्यते =तैर्भक्ष्यतेएतैः + नम्यते =एतैर्नम्यते

विसर्ग संधि

(ख ).. विसर्ग को र्..

प्रातः, पुनः आदि अव्यय शब्द के बाद यदि विसर्ग हो, तो विसर्ग को र् होता है। जैसे.. पुनः + अत्र =पुनरत्र यहां विसर्ग के पहले अ है, परन्तु यहां विसर्ग को ओ नहीं होगा, क्योंकि पुनः अव्यय शब्द है।

प्रातः + नमति =प्रतर्नमतिप्रातः + गच्छति =प्रातर्गच्छति
पुनः + उपविशति =पुनरुपविशतिपुनः + आस्ते =पुनरास्ते
प्रातः वन्दनीय = प्रातर्वन्दनीयप्रातः +उत्तिष्ठति = प्रातरुत्तिष्ठति

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