यण् संधि /Yana Sandhi…

सूत्र.. इको यणचि…

यण् संधि अर्थात इक् को यण् आदेश होने का नियम.. इक् अर्थात इ ई, उ ऊ, ऋ लृ। य़ण् अर्थात य् व् र् ल्


यदि प्रथम पद के अन्त में ह्रस्व या दीर्घ इ, उ , ऋ, लृ मे से कोई स्वर हो तथा दूसरे पद के आदि मे कोई अन्य असमान स्वर अर्थात इ, उ ऋ, लृ से भिन्न कोई स्वर आये, तो इ के स्थान पर य्, उ के स्थान पर व् , ऋ के स्थान पर र् तथा लृ के स्थान पर ल् हो जाता है।

…जैसे इति +अपि =इत्यपि।

इस उदाहरण में प्रथम पद के अन्त में है तथा दूसरे शब्द के आदि में है, अतः के स्थान पर य् हो गया.. या यह कहें कि इ य् में परिवर्तित हो गया।

यण् संधि के उदाहरण

Yana Sandhi Ke Udharana ..

यदि +अपि =यद्यपि

प्रति +अंग=प्रत्यंग

अति +अन्त =अत्यन्त

इति + उवाच =इत्युवाच

नदी +आगम = नद्यागम

सुधी + उपास्य = सुध्युपास्य

मुनि + ऐक्यम् =मुन्यैक्यम्

मही +एका = मह्येका

प्रति + एकम् =प्रत्येकम्

प्रति +उपकारः =प्रत्युपकारः

प्रति + आगमनम् =प्रत्यागमनं

इति +ऋषिः = इत्यृषिः

देवी + ऋद्धिः = देव्यृद्धिः

पृथ्वी + उर्ध्वम् = पृथयूर्ध्वम्

उ /ऊ को व्

उ /ऊ +कोई भी असमान स्वर = व् में परिवर्तन

जैसे..सु +आगत =स्वागत

इस उदाहरण में प्रथम पद के अन्त में है तथा दूसरे पद के आदि में उ से भिन्न स्वर आ है, अतः , व् में परिवर्तित हो गया। अन्य उदाहरण…

अनु +एषण =अन्वेषण

अति+उत्तम =अत्युत्तम

चमू+आदेशः =चम्वादेशः

वधू +आशयः =वध्वाशयः

सु + आहा = स्वाहा

यातु +इति = यत्विति

साधु +ऋषिः = साध्वर्षिः

मधुः + अरिः = मध्वरिः

रिपु + इच्छा = रिप्विच्छा

गुरु + आदेशः = गुर्वादेशः

अनु +अयः = अन्वयः

भू + आदि: = भ्वादि:

ऋ का र् में परिवर्तन…

भ्रातृ + आज्ञा = भ्रात्राज्ञा

मातृ +अन्शः =मात्रन्शः

पितृ +आज्ञा =पित्राज्ञा

दातृ +ईशः =दात्रीश:

धातृ +अन्शः =धात्रंशः

मातृ +औदार्यम् =मात्रौदार्यम्

सवितृ +उदयः =सवित्रुदयः

लृ का ल् में परिवर्तन..

लृ +आकारः =लाकारः

लृ +आकृतिः =लाकृतिः

प्रश्न -उत्तर..

1..वरमेको गुणी पुत्रो न च मूर्ख शतान्यपि..

क ) शतानि + अपि, ख ) शतान +अपि , ग ) शतान्य + अपि

2..अभि + अन्तरे =?

क ) अभिन्तरे ,, ख ) अभ्यन्तरे , ग ) अभ्यान्तरे

3.. परि + उषितम् =? अन्नं न खादेत्…

क ) परिउशितम् , ख ) परोषितं , ग ) पर्युषितं

4..भक्तिमानागतः कश्चित् कथं तिष्ठतु यातु + इति =?

क ) यत्विति , ख ) यात्वति , ग )यातवति

5.. अद्य खल्ववगच्छामि…

क ) खल + अवगच्छामि , ख )खलु +अवगच्छामि, ग ) खल्व + गच्छामि

उत्ताराणि..

1.. क, 2.. ख , 3.. ग, 4.. क, 5.. ख

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