रमा लता शब्द रूप तथा
बालिका विद्याअजा आदि शब्द आकारान्त होते हैं, क्योंकि इनके अन्त में आ होता है।
ये सारे रूप एक निश्चित नियम के अनुसार चलते हैं।
प्रायः प्रथमा व द्वितिया विभक्ति के द्वि वचन व बहु वचन के रूप एक जैसेहोते हैं।
तृतीया चतुर्थी व पंचमी के द्वि वचन एक जैसे होते हैं।
चतुर्थी व पंचमी के बहु वचन एक जैसे होते हैं।
बालिका शब्द रूप..
विभक्ति | एक वचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | बालिका | बालिके | बालिकाः |
द्वितीया | बलिकाम् | बालिके | बालिकाः |
तृतीया | बालिकया | बालिकाभ्यां | बलिकाभिः |
चतुर्थी | बालिकायै | बालिकाभ्यां | बालिकाभ्यः |
पंचमी | बलिकायाः | बालिकाभ्यां | बालिकाभ्यः |
षष्ठी | बलिकायाः | बालिकयोः | बालिकानां |
सप्तमी | बलिकायाम् | बालिकयोः | बलिकासु |
सम्बोधन | हे बालिका! | हे बालिके! | हे बालिकाः! |
रमा लता शब्द रूप..
रमा शब्द रूप…
विभक्ति | एक वचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | रमा | रमे | रमाः |
द्वितीया | रमाम् | रमे | रमाः |
तृतीया | रमया | रमाभ्यां | रमाभिः |
चतुर्थी | रमायै | रमाभ्यां | रमाभ्यः |
पंचमी | रमायाः | रमाभ्यां | रमाभ्यः |
षष्ठी | रमायाः | रमयोः | रामाणां |
सप्तमी | रमायां | रमयोः | रमासु |
संबोधन | हे रमे! | हे रमे! | हे रमाः! |
लता शब्द रूप
विभक्ति | एक वचन | द्विवचन | बहु वचन |
प्रथमा | लता | लते | लताः |
द्वितीया | लताम् | लते | लताः |
तृतीया | लतया | लताभ्यां | लताभिः |
चतुर्थी | लतायै | लताभ्यां | लताभ्यः |
पंचमी | लतायाः | लताभ्यां | लताभ्यः |
षष्ठी | लतायाः | लतायोः | लतायाम् |
सप्तमी | लतायाम् | लतायोः | लतासु |
सम्बोधन | हे लते! | हे लते! | हे लताः! |
अजा शब्द रूप..
विभक्ति | एक वचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | अजा | अजे | अजाः |
द्वितीया | अजाम् | अजे | अजाः |
तृतीया | अजया | अजाभ्याम् | अजाभिः |
चतुर्थी | अजायै | अजाभ्याम् | अजाभ्यः |
पंचमी | अजायाः | अजाभ्याम् | अजाभ्यः |
षष्ठी | अजायाः | अजयोः | अजानाम् |
सप्तमी | अजायाम् | अजयोः | अजासु |
सम्बोधन | हे अजे ! | हे अजे! | हे अजाः! |
सुधा शब्द रूप..
विभक्ति | एक वचन | द्विवचन | बहु वचन |
प्रथमा | सुधा | सुधे | सुधाः |
द्वितीया | सुधाम् | सुधे | सुधाः |
तृतीया | सुधया | सुधाभ्याम् | सुधाभिः |
चतुर्थी | सुधायै | सुधाभ्याम् | सुधाभ्यः |
पंचमी | सुधायाः | सुधाभ्याम् | सुधाभ्यः |
षष्ठी | सुधायाः | सुधयोः | सुधानाम् |
सप्तमी | सुधायाम् | सुधयोः | सुधासु |
सम्बोधन | हे सुधे! | हे सुधे! | हे सुधाः! |
विद्या शब्द रूप..
विभक्ति | एक वचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | विद्या | विद्ये | विद्याः |
द्वितीया | विद्याम् | विद्ये | विद्याः |
तृतीया | विद्यया | विद्याभ्याम् | विद्याभिः |
चतुर्थी | विद्यायै | विद्याभ्याम् | विद्याभ्यः |
पंचमी | विद्यायाः | विद्याभ्याम् | विद्याभ्यः |
षष्ठी | विद्यायाः | विद्ययोः | विद्यानाम् |
सप्तमी | विद्यायाम् | विद्ययोः | विद्यासु |
सम्बोधन | हे विद्या! | हे विद्ये! | हे विद्याः! |
इसी प्रकार माला = हार, प्रजा = संतान, शाला = घर , भार्या = पत्नी /स्त्री, शिला = पत्थर , कन्या = लडकी , विद्या = विद्या, क्रीडा = खेल , कला = हुनर, कक्षा = कमरा / श्रेणी, भिक्षा = भीख , निशा = रात्रि/रात, शिखा= चोटी , जटा = बालों की जटा, होरा = घण्टा , जिह्वा = जीभ , ग्रीवा = गर्दन ,वसुधा = पृथिवी, गङ्गा = गङ्गा नदी, यमुना, पाठशाला = विद्यालय, कथा, शोभा आदि के भी रूप बनते हैं।