श्चुत्व संधि /Shchutva Sandhi

श्चुत्व संधि व्यञ्जन संधि का एक प्रकार है। व्यञ्जन संधि अर्थात व्यञ्जन वर्ण का स्वर या व्यञ्जन के साथ मेल।

सूत्र..”स्तोः श्चुनाश्चुः “

यदि प्रथम पद के अन्त में सकार – ‘स’ या तवर्ग के बाद मे शकार -‘श ‘ या चवर्ग आये तो स को श तथा तवर्ग को चवर्ग हो जाता है।

अर्थात प्रथम पद के अन्त मे स् हो या त, थ्, द्, ध्, न् में से कोई वर्ण हो तथा दूसरे पद मे श हो या च, छ, ज, झ, ञ मे से कोई एक हो तो ‘स् ‘को ‘ श ‘ तथा तवर्ग को चवर्ग हो जाता है।

अर्थात…प्रथम पद के अन्त में आया हुआ स् >श् त = > च थ > =छ्, द् =>ज्, ध =>झ् न् => ञ, मे परिवर्तित हो जाता है

श्चुत्व संधि के उदाहरण…

जैसे….विद्वान् + जय = विद्वाञ्जय..न् तवर्ग का पांचवां वर्ण है, अतः इसके स्थान पर चवर्ग का पांचवां वर्ण ञ हुआ।

अन्य उदाहरण…स् को श्

निस् +शब्द =निश्शब्द्

दुस् + चरित्र =दुश्चरित्र

कस् +चित् =कश्चित्

देवस् + शेते =देवश्शेते

रामस् + च =रामश्च

मनस् + शान्तिः = मनश्शान्तिः

कस् + शेते = कश्शेते

श्रेयस् + चकार =श्रेयश्चकार

त् को च् में परिवर्तन

.सत् + चित् =सच्चित्त इस उदाहरण में सत् में त् है, तथा दूसरे शब्द के आदि में च है, अतः त्, च् में परिवर्तित हो गया।

अन्य उदाहरण..

सत् +चरित्रम् =सच्चरित्रम्

तत् +चक्रम् =तच्चक्रम्

उत् +चारण =उच्चारण

महत् +चित्रम् =महच्चित्रम्

तत् + च = तच्च

एतत् +चन्द्रं =एतच्चन्द्रं

शरत् +चन्द्रः =शरच्चन्द्रः

उत् + छेद =उच्छेद

उत् +छिन्न =उच्छिन्न

सत् + चिदानन्द =सच्चिदानन्द

द् को ज्

उद् +ज्वल =उज्ज्वल

न को ञ में परिवर्तन..

महान् + जयः =महाञ्जयः

श्रीमान् +जयति =श्रीमाञ्जयति

प्रश्न -उत्तर..

1..तत् +च =?

क. )तत्च, ख)… तच्च, ग)..तच

2.. एतच्चन्द्रं का संधि विच्छेद क्या है?

क ). एतत् + चन्द्रं ख ) एतत + चन्द्रं ग ) एत + चन्द्रं

3..सच्चित् का संधि विच्छेद होगा…

क ) सत् + चित , ख ) सच् + चित् , ग ) स + च्चित

उत्तर..1.. ख ) 2. क ) 3.. क

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