क्त्वा प्रत्यय क्या है… इनका प्रयोग कहां किया जाता है।क्त्वा प्रत्यय को प्रयोग करने का क्या नियम है,ये सब हम इस लेख में जानेंगे।
क्त्वा प्रत्यय…
यह एक पूर्वकालिक कृत् प्रत्यय है।पूर्वकालिक अर्थात…
जब किसी एक क्रिया के हो जाने पर दूसरी क्रिया आरम्भ होती है, तो जो क्रिया पहले समाप्त हो गई है उसे पूर्व कालिक क्रिया कहते हैं।
क्त्वा प्रत्यय इसी अर्थ में प्रयुक्त होता है।
- इसका प्रयोग ‘ करके ‘ इस अर्थ में होता है।
जैसे…गम् + क्त्वा = गत्वा अर्थात जाकर
श्रु + क्त्वा = श्रुत्वा अर्थात – सुनकर
रामस्य वचनं श्रुत्वा कैकेयी उवाच…राम के वचन सुन कर कैकेयी बोली ।
रामः रावणं हत्वा विभीषणाय राज्यं ददौ। राम नें रावण को मार कर विभीषण को राज्य दिया।
क्त्वा प्रत्यय के प्रयोग के नियम
क्त्वा प्रत्यय का प्रयोग धातु के साथ होता है। इस प्रत्यय का त्वा जुड़ता है , क् , का लोप हो जाता है।
सेट् धातुओं में प्रत्यय के पूर्व ‘इ ‘ लगता है।
अनिट् धातुओं में प्रत्यय के पूर्व ‘इ ‘ नही लगता है।
नोट…
जो धातु लट् और लृट् लकार मे एक समान रहती हैं,जैसे पठ्, चल् आदि,इन धातुओं को सेट् कहते हैं। इनमे प्रत्यय के पूर्व ‘इ ‘ लगता है।
अनिट् धातु..वे धातुएं जो लट् और लृट् लकार मे परिवर्तित हो जाती हैं,जैसे..गम्, पा,नी,दा आदि, इन्हे अनिट् धातु कहते हैं।इनमे प्रत्यय के पूर्व ‘ इ ‘ नही लगता है।
- यदि धातु का अन्तिम वर्ण न् या म् हो तो तो क्त्वा प्रत्यय होने पर न् और म् का लोप हो जाता है। और इ का प्रयोग नहीं होता है। जैसे..हन् + क्त्वा = हत्वा
- यदि न् और म् एक ही वर्ग के वर्ण हो तो न् या म् का लोप नहीं होता है, और इ का प्रयोग होता है।
जैसे.. भ्रम् + क्त्वा = भ्रमित्वा । इसमे भ्रम् के भ् और म् एक ही वर्ग से हैं, अतः म् का लोप नहीं हुआ, और इ का प्रयोग हुअ है।
- यदि धातु से पूर्व या पहले उपसर्ग हो तो क्त्वा का प्रयोग नहीं होता है।
- इस प्रत्यय से बने पद अव्यय बन जाते हैं।
उदाहरण….
अनिट् धातु से क्त्वा प्रत्यय…अनिट् धातु मे क्त्वा प्रत्यय लगने पर इ नहीं जुड़ेगा।
अनिट् धातु के साथ क्त्वा प्रत्यय
1 | अस् + क्त्वा | भूत्वा |
2 | आप् + क्त्वा | आप्त्वा |
3 | कृ + क्त्वा | कृत्वा |
4 | क्री +क्त्वा | क्रीत्वा |
5 | क्रुध् + क्त्वा | क्रुद्ध्वा |
6 | गम् + क्त्वा | गत्वा |
7 | घ्रा +क्त्वा | घ्रात्वा |
8 | छिद् +क्त्वा | छित्वा |
9 | जि +क्त्वा | जित्वा |
10 | ज्ञा +क्त्वा | ज्ञात्वा |
11 | तप् +क्त्वा | तप्त्वा |
12 | तुष् +क्त्वा | तुष्ट्वा |
13 | त्यज् +क्त्वा | त्यक्त्वा |
14 | दह् +क्त्वा | दग्ध्वा |
15 | दा +क्त्वा | दत्वा |
16 | दुह् +क्त्वा | दुग्ध्वा |
17 | दृश् +क्त्वा | दृष्ट्वा |
18 | धा +क्त्वा | हित्वा |
19 | धृ +क्त्वा | धृत्वा |
20 | ध्यै +क्त्वा | ध्यात्वा |
21 | नम् +क्त्वा | नत्वा |
22 | नश् +क्त्वा | नष्ट्वा |
23 | नी +क्त्वा | नीत्वा |
24 | पच् +क्त्वा | पक्त्वा |
25 | पा +क्त्वा | पीत्वा |
26 | प्रच्छ् +क्त्वा | पृष्ट्वा |
27 | ब्रू +क्त्वा | उक्त्वा |
28 | भी +क्त्वा | भीत्वा |
29 | मन् +क्त्वा | मत्वा |
30 | मृ +क्त्वा | मृक्त्वा |
31 | मुच् +क्त्वा | मुक्त्वा |
32 | या +क्त्वा | यात्वा |
33 | रुध् +क्त्वा | रुद्ध्वा |
34 | लभ् +क्त्वा | लब्ध्वा |
35 | वच् +क्त्वा | उक्त्वा |
36 | क्षिप् +क्त्वा | क्षिप्त्वा |
37 | स्था +क्त्वा | स्थित्वा |
38 | स्ना +क्त्वा | स्नात्वा |
39 | स्पृश् +क्त्वा | स्पृष्ट्वा |
40 | स्मृ +क्त्वा | स्मृत्वा |
41 | हृ +क्त्वा | हृत्वा |
नोट.. मुच् + क्त्वा = मुक्त्वा….यहां” क् “क्त्वा प्रत्यय का नही है, बल्कि व्याकरण के नियम के कारण च् को क् हुआ है। इसी प्रकार लभ् +क्त्वा =लब्ध्वा में त्वा के त् को ध् हुआ है।
ल्यप् प्रत्यय के लिये इसे पढ़िए…
सेट् धातु से क्त्वा प्रत्यय..
सेट् धातु से क्त्वा प्रत्यय लगने पर इ का प्रयोग होगा…जैसे पठ् + क्त्वा
=पठ् + इ + त्वा = पठित्वा
इसी प्रकार निम्नलिखित धातुओं में भी ‘इ ‘ का प्रयोग हो कर रूप बनेगा…
1 | अर्च् + क्त्वा | अर्चित्वा |
2 | कथ् + क्त्वा | कथयित्वा |
3 | कम्प् + क्त्वा | कंपित्वा |
4 | कूर्द + क्त्वा | कुर्दित्वा |
5 | कृ + क्त्वा | कृत्वा ( करके ) |
6 | क्रन्द् + क्त्वा | क्रन्दित्वा |
7 | क्रीड् + क्त्वा | क्रीडित्वा |
8 | खाद्+ क्त्वा | खादित्वा |
9 | खेल् +क्त्वा | खेलित्वा |
10 | ग्रह् + क्त्वा | ग्रहीत्वा |
11 | चल् +क्त्वा | चलित्वा |
12 | चिन्त् +क्त्वा | चिन्तयित्वा |
13 | चुर् +क्त्वा | चोरयित्वा |
14 | जागृ + क्त्वा | जागृत्वा |
15 | ताड् + क्त्वा | ताडयित्वा |
16 | दण्ड् + क्त्वा | दण्डयित्वा |
17 | द्रुह् + क्त्वा | द्रुहित्वा / |
18 | धाव् + क्त्वा | धावित्वा |
19 | निन्द् + क्त्वा | निन्दित्वा |
20 | पठ् + क्त्वा | पठित्वा |
21 | नृत् + क्त्वा | नर्तित्वा |
22 | पत् + क्त्वा | पतित्वा |
23 | पीड् + क्त्वा | पीडयित्वा |
24 | पूज् + क्त्वा | पूजयित्वा |
25 | भक्ष् + क्त्वा | भक्षयित्वा |
26 | भ्रम् + क्त्वा | भ्रमित्वा |
27 | मिल् + क्त्वा | मिलित्वा |
28 | मुद् + क्त्वा | मुदित्वा / मोदित्वा |
29 | याच् + क्त्वा | याचित्वा |
30 | रक्ष् + क्त्वा | रक्षित्वा |
31 | रच् + क्त्वा | रचयित्वा |
32 | रुच् + क्त्वा | रोचित्वा / रुचित्वा |
33 | लिख् + क्त्वा | लिखित्वा |
34 | वद् + क्त्वा | उदित्वा |
35 | वस् + क्त्वा | उषित्वा |
36 | वाञ्छ् + क्त्वा | वाञ्छित्वा |
37 | विद् + क्त्वा | विदित्वा |
38 | वृत् + क्त्वा | वर्तित्वा |
39 | वृध् + क्त्वा | वर्धित्वा |
40 | शिक्ष् + क्त्वा | शिक्षित्वा |
41 | सह् + क्त्वा | सोढ्वा |
42 | शी + क्त्वा | शयित्वा |
43 | सेव् + क्त्वा | सेवित्वा |
44 | हस् + क्त्वा | हसित्वा |
45 | हृष् + क्त्वा | हर्षित्वा |
46 | ज्वल् +क्त्वा | जलित्वा |
47 | तुल् + क्त्वा | तोलयित्वा |
48 | पाल् + क्त्वा | पालयित्वा |
क्त्वा प्रत्यय का वाक्य में प्रयोग..
कमला धावित्वा कन्दुकम् गृह्णाति।
सिंहम् दृष्ट्वा बालः त्रस्यति।
कश्मीरम् गत्वा वयं प्राकृतिकम् सौन्दर्यं द्रक्ष्यामः।
लोकेशः आलस्यं त्यक्त्वा स्वध्ययपरः अस्ति।
मोहनः आपणं गत्वा फलानि आनयति।
अहम् पुस्तकम् पठित्वा उत्तरं लेखिष्यामि।
रमा खादित्वा भ्रमति।
मयूरः नर्तित्वा वृक्षे विश्रामयति।
जनाः हास्यकथाम् श्रुत्वा उच्चैः हसन्ति।
यूयं सदा हसित्वा एव वदथ्।
सः स्नात्वा वस्त्राणि धारयति।
गङ्गाजलं पीत्वा असत्यं न वद।
सः भोजनं कृत्वा हस्तौ प्रक्षालयति।
बालकाः क्रीडित्वा स्वगृहं गच्छन्ति।
कमला ईश्वरम् स्मृत्वा शान्तिं आप्नोति।
सर्वे मिलित्वा प्रयत्नं कुर्वन्ति।
सः चरणयोः पतित्वा क्षमां अयाचत्।
छात्रः पाठं स्मृत्वा विद्यालयम् गच्छति।
क्त प्रत्यय के लिए इसे पढ़िए