Pad Parichay Kise Kahate Hai.
पद परिचय किसे कहते हैं? पद किसे कहते हैं? शब्द,पद कब कहे जाते हैं?किस आधार पर पद परिचय देते हैं? इस आर्टिकल में हम ये जानेंगे।
पद किसे कहते हैं….
वर्णों से शब्द बनते हैं, तथा सार्थक शब्दों से वाक्य बनते हैं। शब्दों को यदि अलग से देखा जाय तो एक शब्द के कई अर्थ होते हैं।यही शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त हो कर एक निश्चित अर्थ प्रकट करते हैं ,तब इन्हें पद कहा जाता है।
पद परिचय क्या है..
वाक्य में प्रयुक्त सभी पदों का या किसी एक पद का व्याकरण की दृष्टि से परिचय देना पद परिचय कहलाता है।
जैसे .वैभव वाराणसी जा रहा है। इस वाक्य में
वैभव..व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एक वचन, जा रहा है , क्रिया का कर्ता
वाराणसी... व्यक्तिवाचक संज्ञा, एक वचन, जा रहा है ‘ क्रिया का आधार,।
जा रहा है… अकर्मक क्रिया, अपूर्ण वर्तमान काल, पुल्लिंग कर्तृ वाच्य की क्रिया।
पद परिचय के लिए ,पद निर्देश , पद निर्णय, पदान्वय, पद विश्लेषण , पद विन्यास , पदच्छेद शब्द बोध , वाक्य विवरण आदि शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है।
वाक्य मेंआए हुए पदों का परिचय निम्नलिखित आधार पर देना चाहिए…
संज्ञा …
वाक्य में संज्ञा का पद परिचय में संज्ञा का भेद अर्थात वह पद कौन सी संज्ञा का प्रकार है .. व्यक्ति वाचक है या जाति वाचक है या कोई अन्य। उस पद का लिंग वचन , करक और क्रिया के साथ उसका संबंध आदि बताना चाहिए। जैसे… कविता पत्र लिखती है।
इस वाक्य में कविता संज्ञा है। अतः संज्ञा पद परिचय होगा..
कविता.. व्यक्ति वाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग , एक वचन , कर्ता कारक है , लिखती है क्रिया की कर्ता अर्थात पत्र को लिखती है।
२.. छात्र विद्यालय जाते हैं।
छात्र… जाति वाचक संज्ञा, पुल्लिंग , बहुवचन, कर्ता कारक .. जाते हैं,क्रिया के कर्ता।
सर्वनाम
वाक्य में आए सर्वनाम पद का परिचय देते हुए बताना चाहिए कि वह सर्वनाम का कौन सा प्रकार है.. प्रथम , मध्यम या अन्य पुरुष में से कौन सा है। उस पद का लिंग , वचन क्या है। उसका कारक तथा क्रिया से संबंध आदि बताना चाहिए। जैसे… वे दोनों वेद पढ़ते हैं।
वे दोनों…. पुरुष वाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष द्विवचन, कर्ता कारक , ‘पढ़ते हैं ‘ क्रिया का कर्ता ।
तुम कल कविता सुनाओगे।
तुम .. पुरूष वाचक सर्वनाम , मध्यम पुरुष , एक वचन, कर्ता करक, सुनाओगे क्रिया का कर्ता ।
विशेषण पद परिचय
विशेषण पद परिचय देते समय यह बताना चाहिए कि वाक्य में प्रयुक्त पद में विशेषण का कौन सा प्रकार है। गुण वाचक , परिमाण वाचक , रीति वाचक आदि में से कौन सा है। विशेषण पद का लिंग , वचन , अवस्था क्या है,तथा विशेष्य पद अर्थात जिस पद की विशेषता बता रहा है, उसके बारे में भी बताना चाहिए।
विशेषण का भेद | गुणवाचक,संख्यावाचक,परिमाण,रीति वाचक सार्व नामिक विषेषण में से कौन सा |
लिंग | पुल्लिंग, स्त्री लिंग या नपुंसक लिंग |
वचन | एक वचन, द्वि वचन या बहु वचन |
अवस्था | मूलावस्था, उत्तर अवस्था ,उत्तम अवस्था |
विशेष्य | जिसके लिए विशेषण का प्रयोग किया गया |
१..जैसे…भगवान राम सर्वश्रेष्ठ राजा थे। सर्वश्रेष्ठ… गुण वाचक विशेषण , पुलिंग, एक वचन, उत्तमावस्था , तथा विशेष्य भगवान राम हैं ।
वीर शिवा जी ने मुगलों को परेशान कर रखा था।
वीर… गुण वाचक विशेषण,
पुलिंग एक वचन,
मूल अवस्था ,
विशेष्य ..शिवाजी
क्रिया पद का परिचय…
क्रिया पद परिचय बताने के लिए निम्न लिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए…
१.. क्रिया के भेद .. सकर्मक और अकर्मक तथा संयुक्त , प्रेरणार्थक, नामधातु , पूर्णकालिक आदि बताना चहिए।
२.. क्रिया के होने का समय अर्थात काल बताना चाहिए।
३.. क्रिया का लिंग , वचन बताना चाहिए।
४..क्रिया का वाच्य बताना चाहिए।
५…क्रिया का कारक से क्या संबंध भी बताना चहिए।
जैसे… रितेश फुटबॉल खेलता है।
खेलता.. क्रिया … सकर्मक
वचन… एक वचन
काल… वर्तमान काल
वाच्य….. कर्तृ वाच्य
क्रिया का कर्ता.. रितेश
कर्म…. फुटबॉल
क्रिया विशेषण
क्रिया विशेषण के पद परिचय में यह बताना चाहिए कि …
१..क्रिया विशेषण का कौन सा प्रकार है.. ( रीति वाचक ,स्थान वाचक , काल वाचक , परिमाण वाचक) ।
२.. वह क्रिया पद , जिसकी विशेषता बताई गई है।
जैसे .. वर्षा जोर से हो रही है।
जोर से … रीति वाचक क्रिया विशेषण है । जो वर्षा कैसे हो रही है,यह बता रहा है।
वह ध्यान पूर्वक पुस्तक पढ़ रहा है। इस वाक्य में ध्यान पूर्वक रीति वाचक क्रिया विशेषण है, जो पढ़ने की विशेषता बता रहा है।
वह छत पर कूद रहा है। इस वाक्य में छत पर स्थान वाचक क्रिया विशेषण है,जो कूदने की क्रिया का स्थान बता रहा है।
संबंध बोधक पद का परिचय…
संबंधबोधक पद के परिचय में यह बताना चाहिए कि …
१.. वह पद संबंध बोधक का कौन सा प्रकार/ भेद है।
२.. वह वाक्य के किन पदों के बीच संबंध बना रहा है।
जैसे.. सड़क के दोनो ओर वृक्ष है।
दोनो ओर.. यहदिशा वाचक संबंधबोधक पद है । संबंध.. यह सड़क और पेड़ के बीच संबंध बना रहा है।
समुच्चयबोधक अथवा योजक पद का परिचय…
समुच्चय बोधक अर्थात दो शब्दों ,दो वाक्य के भाग को जोड़ने वाले शब्द।
इस पद परिचय में दो बातों पर ध्यान देना चाहिए… १.. समुच्चय बोधक का कौन सा प्रकार है। ( समानाधिकरण या व्याधिकरण )
२.. वह किन दो पदों को,या वाक्यों को जोड़ने का कार्य कर रहा है।
जैसे… मोहन सुबह गया और शाम को वापस आ गया।
और .. यह समानाधिकरण समुच्चय बोधक , संयोजक है जो , मोहन सुबह गया। शाम को वापस आ गया। इन दो वाक्यों को जोड़ने का कार्य कर रहा है।
रमेश की बस छूट गई इसलिए वह ऑफिस देर से पहुंचा।
इसलिए .. यह समानाधिकरण समुच्चय बोधक, परिणाम वाचक योजक है। जो , मोहन की बस छूट गई। वह ऑफिस देर से पहुंचा इन दो वाक्यों को जोड़ रहा है।
यदि वह पढ़ाई करता तो फेल नहीं होता।
जल्दी उठ जाओ ताकि समय पर विद्यालय पहुंच सको।
तो ,ताकि .. व्याधि करण समुच्चय बोधक है।
विस्मयादिबोधक का पद परिचय…
इसमें यह बताना चाहिए कि अमुक पद से कौन सा भाव प्रकट हो रहा है।जैसे विस्मय , हर्ष, भय ,क्रोध , घृणा आदि।
जैसे…
छि: ! कितनी गंदगी है। | घृणा सूचक |
वाह!! वह कक्षा में प्रथम आया है। | प्रशंसा सूचक |
आहा!! हम जीत गए। | हर्ष सूचक |
अरे!! मोहन भी नाचता है। | विस्मय सूचक |
ओ!! जरा सुनना.. | संबोधन सूचक |
इस प्रकार वाक्य में आए हुए पदों का व्याकरण के अनुसार परिचय दिया जाता है। आशा हैआपको समझ मेंआ गया होगा।
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